दिवाली में पटाखे ना जलाएं, कोरोना मरीजों पर पड़ेगा ये बुरा प्रभाव, जानें एक्सपर्ट की राय

दिवाली में पटाखे ना जलाएं, कोरोना मरीजों पर पड़ेगा ये बुरा प्रभाव, जानें एक्सपर्ट की राय

सेहतराग टीम

कोरोना के मामले लगातार बढ़ते चले जा रहे हैं। इसी को देखते हुए लोगों को मास्क पहनने और लोगों से दूरी बना कर रखने की सलाह दी जाती है। ऐसे में दिवाली का मौसम आ रहा है। इसलिए सभी लोग पटाखे जलाएंगे। इससे प्रदुषण फैलेगा। ऐसी स्थिति में संक्रमण और प्रदुषण लोगों के लिए दोहरी मार बन कर सामने आ रहा है। ये कोविड के संक्रमित मरीज और इससे उबरे मरीजों पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है।

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विशेषज्ञ इस बारे में सावधान करते आ रहे हैं कि इस बार सर्दी और प्रदूषण के प्रकोप से कोरोना और खतरनाक रूप ले सकता है, इसलिए दीपावली में पटाखों से दूरी बनाने की सलाह दी जा रही है। पटाखे फोड़ने पर इसके स्मॉल पार्टिकल्स हवा में घुलते हैं, जिन्हें हम एयरोसॉल कहते हैं, इसके जरिए कोविड का वायरस फैल सकता है। 

दिल्ली-एनसीआर और अन्य मेट्रो शहरों में अभी से ही हवा खराब होने लगी है। सर्दियों में वायु प्रदूषण बढ़ता है और ऐसी स्थिति में वायरल संक्रमण बढ़ने लगते हैं। दीपावली में पटाखे जलने से प्रदूषण और ज्यादा बढ़ेगा और इस वजह से अस्थमा, दमे के मरीजों और कोविड के मरीजों को सांस लेने में ज्यादा तकलीफ हो सकती है। 

विशेषज्ञों के मुताबिक, वायु प्रदूषण बढ़ने पर धूलकण कम ऊंचाई पर ही जमा हो जाते हैं, जिससे वायरस के हवा में ज्यादा देर तक ठहरने का खतरा है। ऐसी स्थिति में ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। पहले से कोविड-19 की चपेट में आ चुके लोगों के लिए यह स्थिति दोहरी मार वाली होगी। खासकर उन लोगों के लिए जिनके फेफड़ों पर वायरस ने गंभीर प्रभाव डाला है।

एक्सपर्ट कहते है कि जो मरीज कोविड से संक्रमित हैं, उनमें से ज्यादातर के फेफड़ों पर प्रभाव पड़ा है। बहुत सारे मरीजों के कोरोना से ठीक हो जाने के बाद भी फेफड़ों पर ये असर रहता है, जिसे पल्मनेरी फायब्रोसिस कहा जाता है। इसे ठीक होने में समय लगता है। आपको बता दें कि कोविड संक्रमित मरीज या फिर कोविड से उबरे मरीज, दोनों पर वायु प्रदूषण का बुरा प्रभाव पड़ेगा। उनकी सलाह है कि इस साल पटाखों से दूरी बनाए रखना ही श्रेयस्कर रहेगा।

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